UPI नए नियम अगर आप भारत में डिजिटल पेमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं, तो आप Unified Payments Interface (UPI) से बखूबी वाकिफ होंगे। UPI ने हमारे जीवन को कितना आसान बना दिया है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। चाहे किराने की दुकान पर छोटा सा भुगतान हो या ऑनलाइन शॉपिंग, UPI हर जगह हमारे लिए एक सुविधाजनक विकल्प बन गया है। लेकिन, जैसे-जैसे तकनीक और सुरक्षा की जरूरतें बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे UPI के नियमों में भी बदलाव हो रहे हैं। अप्रैल 2025 से कुछ नई UPI नियम और विनियम लागू होने वाले हैं, जो उपयोगकर्ताओं और व्यवसायों दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। आज इस ब्लॉग में, हम इन बदलावों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि ये बदलाव आपके लिए क्या मायने रखते हैं।
UPI से जुड़े नए नियम क्या हैं?
इनएक्टिव नंबर पर बंद हो जाएगी UPI सर्विस
अगर आपका बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर 90 दिनों से ज्यादा समय तक इनएक्टिव रहा है, तो आपकी UPI ID ऑटोमैटिकली डीएक्टिवेट हो जाएगी.
बैंक और UPI ऐप्स को हर हफ्ते अपडेट करने होंगे मोबाइल नंबर
NPCI ने बैंकों और UPI सर्विस प्रोवाइडर्स (जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm) को यह अनिवार्य किया है कि वे हर हफ्ते अपने यूजर्स के मोबाइल नंबर अपडेट करें. इससे गलत UPI ट्रांजेक्शन और फ्रॉड से बचाव होगा.
UPI नए नियम पहला और सबसे महत्वपूर्ण बदलाव मोबाइल नंबर की सत्यापन प्रक्रिया से संबंधित है। अप्रैल 2025 से, सभी बैंकों और UPI ऐप्स (जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm) को अपने उपयोगकर्ताओं के मोबाइल नंबरों को साप्ताहिक आधार पर अपडेट करना होगा।
यह प्रक्रिया Mobile Number Revocation List/Digital Intelligence Platform (MNRL/DIP) के माध्यम से की जाएगी। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नंबर निष्क्रिय, रीसाइकल्ड, या गलत तरीके से इस्तेमाल न हो रहा हो।
अगर आपका रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर लंबे समय से निष्क्रिय है, तो आपका UPI ID डिएक्टिवेट हो सकता है, और आपको UPI सेवाओं तक पहुंच से वंचित होना पड़ सकता है। इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि आपके बैंक और UPI ऐप से जुड़ा हुआ मोबाइल नंबर सक्रिय और उपयोग में हो। अगर आपने नंबर बदल लिया है, तो तुरंत अपने बैंक और UPI ऐप को इसकी जानकारी दें।
दूसरा बदलाव
तीसरा नियम
UPI नए नियम UPI IDs से संबंधित है। अगर कोई UPI ID एक साल से अधिक समय से इस्तेमाल नहीं किया गया है, तो उसे डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा। यह नियम पहले से लागू था, लेकिन अप्रैल 2025 से इसे और सख्ती से लागू किया जाएगा। इसका मकसद यह है कि पुराने और अनुपयोगी अकाउंट्स से सिस्टम पर बोझ न पड़े और सुरक्षा जोखिम कम हो।
अगर आपका UPI ID लंबे समय से निष्क्रिय पड़ा है, तो इसे फिर से सक्रिय करने के लिए आपको अपने UPI ऐप या बैंक से संपर्क करना होगा। इसलिए, समय-समय पर अपने UPI अकाउंट की जांच करें और जरूरत पड़ने पर इसे अपडेट रखें।
नए यूजर को असाइन किए गए नंबर पर पुरानी UPI ID नहीं चलेगी
UPI नए नियम अगर कोई पुराना नंबर नया यूजर को असाइन किया जाता है, तो उसके साथ जुड़ी पुरानी UPI ID काम नहीं करेगी. इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नए यूजर को पुराने यूजर की बैंकिंग डिटेल्स तक एक्सेस न मिले.
कलेक्ट पेमेंट्स” फीचर पर पाबंदी
UPI नए नियम कलेक्ट पेमेंट्स” फीचर, जिसे पुल पेमेंट्स भी कहा जाता है, अब सीमित हो जाएगा। यह फीचर पहले उपयोगकर्ताओं को किसी अन्य व्यक्ति या व्यापारी से सीधे पैसा मांगने की सुविधा देता था, लेकिन अब इसे फ्रॉड और गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए सीमित कर दिया गया है।
UPI नए नियम 1अप्रैल 2025 से, यह फीचर केवल बड़े और सत्यापित व्यापारियों तक सीमित रहेगा। व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) “कलेक्ट पेमेंट्स” की सीमा अब 2,000 रुपये तक होगी।
यह बदलाव उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए किया गया है, क्योंकि कई बार इस फीचर का गलत इस्तेमाल फ्रॉड और साइबर अपराधों के लिए किया जाता था। अगर आप इस फीचर का उपयोग करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही लेनदेन करें।
ट्रांजैक्शन लिमिट्स और फीस में बदलाव
UPI नए नियम UPI ट्रांजैक्शन लिमिट्स और फीस में भी कुछ बदलाव हो रहे हैं। अभी तक, सामान्य UPI ट्रांजैक्शन की दैनिक लिमिट 1 लाख रुपये है, लेकिन कुछ विशेष श्रेणियों के लिए यह लिमिट बढ़ाई जा रही है। उदाहरण के लिए:
- अस्पतालों और शैक्षिक संस्थानों के लिए: 5 लाख रुपये तक।
- कैपिटल मार्केट, इंश्योरेंस, और विदेशी इनवर्ड रेमिटेंस के लिए: 2 लाख रुपये तक।
इसके अलावा, अप्रैल 2023 से शुरू हुए एक नियम को और मजबूत किया जा रहा है, जिसमें 2,000 रुपये से अधिक के UPI ट्रांजैक्शन पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPIs) जैसे वॉलेट्स के लिए 1.1% तक का इंटरचेंज फी लगेगा। हालांकि, यह फी ग्राहकों पर नहीं, बल्कि व्यापारियों पर लगेगी, इसलिए आपको सीधे तौर पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं उठाना पड़ेगा।
6. सुरक्षा में सुधार
NPCI और RBI UPI सिस्टम की सुरक्षा को और मजबूत करने पर भी जोर दे रहे हैं। इसके लिए बैंकों और UPI ऐप्स को मल्टी-स्टेप ऑथेंटिकेशन, नियमित डेटाबेस अपडेट, और अन्य सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने होंगे।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके ट्रांजैक्शन सुरक्षित रहें, आप भी सावधानी बरतें। हमेशा अपने UPI पिन और ओटीपी को गोपनीय रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत अपनी बैंक या UPI ऐप को सूचित करें।
उपयोगकर्ताओं के लिए क्या करें?
ये सभी बदलाव उपयोगकर्ताओं और व्यवसायों दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर आप UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
- अपने UPI ऐप को हमेशा लेटेस्ट वर्जन में अपडेट रखें। इसे केवल ट्रस्टेड सोर्स (जैसे Google Play Store या Apple App Store) से डाउनलोड करें।
- सुनिश्चित करें कि आपके बैंक और UPI अकाउंट से जुड़ा मोबाइल नंबर सक्रिय हो और नियमित रूप से इस्तेमाल हो।
- अगर आपका नंबर बदल गया हो, तो तुरंत अपने बैंक और UPI ऐप को इसकी जानकारी दें।
- अपने ट्रांजैक्शन हिस्ट्री की नियमित रूप से जांच करें और किसी भी असामान्य गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करें।
- केवल विश्वसनीय स्रोतों से लेनदेन करें और फ्रॉड से बचने के लिए सावधानी बरतें।
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये नई UPI नियम और विनियम डिजिटल पेमेंट्स को और सुरक्षित, पारदर्शी, और कुशल बनाने के लिए हैं। हालांकि, इन बदलावों के साथ कुछ असुविधाएं भी हो सकती हैं, लेकिन लंबे समय में ये उपयोगकर्ताओं और सिस्टम दोनों के लिए लाभकारी साबित होंगे।
अगर आप UPI का नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं, तो इन नियमों को समझें और उनके अनुसार अपने अकाउंट को अपडेट रखें।
अगर आपको इन बदलावों के बारे में और जानकारी चाहिए या कोई विशेष सवाल है, तो अपने बैंक या UPI ऐप के कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें। डिजिटल इंडिया की इस यात्रा में, हम सभी को मिलकर इसे और बेहतर बनाना है।
आपकी क्या राय है इन बदलावों के बारे में? कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर साझा करें!

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