गौतम अडानी के केस

कांग्रेस को अडानी वाले मुद्दे पर नहीं मिला सपा का साथ, सांसद राम गोपाल यादव ने बताया क्‍यों?

गौतम अडानी के केस कि बात करें, कुछ गवर्नमेंट लॉयर ने इस पर अपना ओपिनियन दिया है मुकुल रोहतगी ने कई मौकों पर अलग-अलग बातें कही हैं, जिनमें से कुछ ये रहीं अरबपति कारोबारी गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर अमेरिकी अदालत ने आरोप लगाए थे. गौतम अडानी सेबी विवाद पर मुकुल रोहतगी ने कहा था कि इन आरोपों में इनका नाम नहीं हैमुकुल रोहतगी भारत के 12वें अटॉर्नी जनरल थे. उनका कार्यकाल 19 जून, 2014 से 18 जून, 2017 तक था. वह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं।

मंगलवार सुबह संसद परिसर में I.N.D.I.A. गठबंधन के तहत कांग्रेस, आप, आरजेडी, डीएमके, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी और वामपंथी दलों ने अडानी समूह से जुड़े मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, इस प्रदर्शन में कांग्रेस को समाजवादी पार्टी और  (टीएमसी) का समर्थन नहीं मिला।

Gautam-Adani पर आरोप

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अडानी ग्रुप की चार सूचीबद्ध कंपनियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों का उल्लंघन किया। इन कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने हेरफेर के जरिए इन नियमों को दरकिनार किया। सेबी ने इन आरोपों की जांच के तहत कई नोटिस जारी किए।

मॉरीशस स्थित फंड और विनोद अडानी का कनेक्शन

सेबी ने यह भी आरोप लगाया है कि मॉरीशस स्थित एफपीआई (फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स) इमर्जिंग इंडिया फोकस फंड्स (EIFF) का कनेक्शन गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी से है। इस फंड ने हाल ही में ₹28 लाख की सेटलमेंट राशि का प्रस्ताव दिया, जो गौतम अडानी सेबी विवाद के कारण

अन्य कंपनियों के सेटलमेंट प्रस्ताव

अडानी एंटरप्राइजेज और अंबुजा सीमेंट्स के डायरेक्टर्स, विनय प्रकाश और अमीत देसाई, ने भी व्यक्तिगत रूप से ₹3-3 लाख की राशि के साथ सेबी को सेटलमेंट प्रस्ताव भेजा है। अडानी एंटरप्राइजेज ने भी अपने स्तर पर मामले को निपटाने की मांग की है।

सेटलमेंट आवेदन का मतलब क्या है?

सेटलमेंट एप्लिकेशन का उद्देश्य मामले को कानूनी रूप से सुलझाना है। यह प्रक्रिया किसी भी पक्ष द्वारा दोष को स्वीकार या अस्वीकार करने की स्थिति नहीं है, बल्कि विवाद के समाधान के लिए एक प्रयास है।

कानूनी रणनीति और ग्रुप का दृष्टिकोण

सूत्रों के अनुसार, अडानी ग्रुप की कानूनी रणनीति समूह स्तर पर तैयार की जाती है। यह संभावना जताई जा रही है कि अडानी ग्रुप की अन्य कंपनियों ने भी सेटलमेंट के लिए आवेदन किया हो।

सेबी का निर्णय अभी बाकी

हालांकि अडानी ग्रुप की कंपनियों ने मामले को निपटाने की दिशा में प्रयास किए हैं, सेबी ने अभी तक इन आवेदनों पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। इस प्रक्रिया के परिणाम का असर न केवल अडानी ग्रुप बल्कि भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ेगा।

अडानी ग्रुप की प्रतिक्रिया

अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि उन्होंने हमेशा सभी नियमों का पालन किया है। उन्होंने इस मामले को सुलझाने की प्रक्रिया को पारदर्शी बताया है और सेबी के साथ सहयोग करने की बात कही है।

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