हाल के महीनों में Brain-eating amoeba cases in India तेजी से सुर्ख़ियों में आए हैं। केरल राज्य में इस घातक संक्रमण के लगभग 80 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 21 लोगों की मौत हो चुकी है। यह बीमारी Naegleria fowleri नामक अमीबा से होती है, जिसे आम भाषा में “ब्रेन-ईटिंग अमीबा” कहा जाता है। यह संक्रमण बेहद दुर्लभ है, लेकिन एक बार जब यह शरीर में प्रवेश कर जाए तो मृत्यु दर 97% तक पहुँच सकती है।
Brain-eating Amoeba क्या है?
Naegleria fowleri एक सूक्ष्म अमीबा है जो गर्म, मीठे और स्थिर पानी (ponds, lakes, rivers, swimming pools) में पनपता है।
यह सीधे नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है और फिर दिमाग तक पहुँचकर Primary Amoebic Meningoencephalitis (PAM) नामक बीमारी का कारण बनता है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह बीमारी पीने के पानी से नहीं फैलती, बल्कि तब होती है जब पानी नाक के अंदर जाता है।
Brain-eating Amoeba Cases in India: Kerala की स्थिति
केरल स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि 2025 में अब तक लगभग 80 Brain-eating amoeba cases in India में से अधिकांश राज्य में दर्ज किए गए हैं।
इनमें से 21 मौतें हो चुकी हैं, जिससे लोगों में भय का माहौल है।
पिछले साल की तुलना में मामलों में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह बेहतर डायग्नोसिस और रिपोर्टिंग की वजह से भी हो सकता है।
केरल सरकार ने तुरंत कदम उठाए हैं—जल स्रोतों का क्लोरीनीकरण, संदिग्ध जल निकायों की जाँच और एक नया PCR टेस्ट लैब स्थापित किया गया है।
संक्रमण कैसे फैलता है?
Brain-eating amoeba cases in India मुख्यत: नीचे दिए कारणों से फैलते हैं:
नाक के जरिए संक्रमित पानी जाना
तैराकी, डुबकी लगाना या पानी के खेलों के दौरान।
नाक की सफाई (Neti pot, nasal rinsing)
अगर अशुद्ध या बिना उबाले पानी से नाक साफ़ की जाती है।
उच्च दबाव से पानी का प्रवेश
जब पानी तेज़ी से नाक में जाता है।
👉 ध्यान रहे, यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलता
लक्षण (Symptoms)
Brain-eating amoeba cases in India की चुनौती यह है कि शुरुआती लक्षण सामान्य वायरल या बैक्टीरियल मेनिन्जाइटिस जैसे होते हैं।
सिरदर्द
तेज बुखार
जी मचलाना और उल्टी
गर्दन अकड़ना
रोशनी से परेशानी
भ्रम और चक्कर
गंभीर अवस्था में:
दौरे (seizures)
कोमा
मृत्यु (ज्यादातर मामलों में)
भारत में बढ़ते मामलों की वजह
विशेषज्ञों का मानना है कि Brain-eating amoeba cases in India बढ़ने के पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं:
गर्म जलवायु और जलवायु परिवर्तन: बढ़ता तापमान इस अमीबा के पनपने के लिए उपयुक्त वातावरण देता है।
स्थिर और गंदे जल स्रोत: ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में पानी की स्वच्छता की कमी।
जागरूकता की कमी: लोगों को इस रोग के बारे में बहुत कम जानकारी है।
धार्मिक स्नान और परंपराएँ: कई बार पवित्र स्नान के दौरान नाक में पानी चला जाता है।
बचाव के उपाय (Preventive Measures)
Brain-eating amoeba cases in India को रोकने के लिए नीचे दिए गए कदम जरूरी हैं:
तैराकी में सावधानी:
झील, तालाब और नदियों में तैरने से पहले पानी की स्थिति जानें।
नाक में पानी न जाने दें, नाक क्लिप का इस्तेमाल करें।
नाक धोने के लिए सुरक्षित पानी:
हमेशा उबालकर ठंडा किया हुआ, या डिस्टिल्ड/स्टेराइल पानी ही उपयोग करें।
नेति पॉट और नाक धोने वाले उपकरणों को साफ रखें।
पानी स्रोतों की सफाई:
क्लोरीनीकरण करें।
गंदे और स्थिर जल स्रोतों से दूर रहें।
लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें:
हाल ही में नाक में पानी जाने के बाद यदि बुखार, सिरदर्द, उल्टी जैसे लक्षण हों तो तुरंत जांच कराएँ।
निष्कर्ष
Brain-eating amoeba cases in India फिलहाल दुर्लभ हैं, लेकिन केरल में दर्ज हुए 80 मामलों और 21 मौतों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह बीमारी हल्की नहीं है। जागरूकता, स्वच्छ पानी का उपयोग, और समय पर चिकित्सा ही इस संक्रमण से बचाव के प्रमुख साधन हैं।
अगर समाज और सरकार मिलकर कदम उठाएँ, तो इस घातक संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है और लोगों की जान बचाई जा सकती है।

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